Tuesday, September 7, 2010

इक विचार,
नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नस में मेरे ऊपर वाले व्यक्ति को मेरा फायदा होता है, इसलिए मै नहीं करूँगा.

क्या आपको पता है, की बड़ी बड़ी कंपनिया, फिर नाम कोई भी हो, इनकी नजर में आपकी फॅमिली एक यूनिट है.
२०० साल से एक एक्स वाई जेड कंपनी मार्केट में है, उस कंपनी के मालिक की आठवी  पीढ़ी आपसे हर महीने ५०० रुपये निकाल लेती है, इस बात से आपको कोई परेशानी नहीं है, लेकिन आपका इक भाई बंधू आपके सामने एक बिज़नस अपोर्चुनिटी लेकर आया है, उसे कुछ फायदा न हो जाये इस बात से आपको परेशानी है.

Sunday, September 5, 2010

आप आर सी एम ज्वाइन नहीं करना चाहते............ क्यों?

१ आपको शायद डर लगता है, असफलता से.

लेकिन जरा सोचिये, दुनिया में बड़ी बड़ी सफलताये सिर्फ उन्ही लोगो को मिली जो ज्यादा से ज्यादा बार असफल हुए.

२ आपको शायद डर लगता है, कंपनी बंद हो गई तो?

लेकिन जरा सोचिये, आप आज जहाँ बैठे है, ५०० साल पहेले  वहा जंगल था, और ५०० साल के बाद क्या होगा ये कोई नहीं जानता.
इस दुनिया में कोई भी भौतिक चीज शास्वत नहीं है.
इस डर का एक ही इलाज है, विश्वास, और वो ज्वाइन किये बिना नहीं आ सकता.

३ आपको शायद डर लगता है, मेरा बिज़नस नहीं चला तो?

लेकिन जरा सोचिये, आप जैसे नहीं चला तो? सोचते हो, वैसे सोचो अगर, चला तो?
और अगर नहीं भी चला तो, मेरे ख्याल से आपका आर्थिक नुकसान तो कुछ भी नहीं है, रही आपके सपनो की बात, तो वो आपकी खुदकी जिम्मेदारी है. आपके सपने आपका पडोसी कभी पूरा नहीं करेगा.

चौथा डर......चेन?......मेम्बर?......... अरे नहीं ये डर नहीं है, जो आपको ज्वाइन नहीं करने दे रहा, ये तो शायद आपको पता ही नहीं है, और लगभग सारे आम लोगो को इस बात का पता नहीं है,

की  दुनिया में जितने भी लोग आमिर है, उन्होंने नेटवर्क तैयार किया है, बिना नेटवर्क के वो आमिर बन ही नहीं सकते थे.
आमिर बनना  और बने रहेना   बिना नेटवर्क के नहीं हो सकता.

जागो आम इन्सान जागो.

Saturday, September 4, 2010

हम इस दुनिया में एक बार आते है,

आज मेरे एक दोस्त के कंप्यूटर के डेस्कटॉप पर मैंने एक गाड़ी देखी, मैंने पूछा,
ये कौनसी गाड़ी है?
जागुआर, उसने कहा. लेकिन हम इसे सिर्फ देख ही सकते है. एक करोड़ से ज्यादा कीमत है इसकी.

हम लोग न जाने क्यों अपनी एक मर्यादा बना लेते है,

मै ये नहीं कर सकता.

ये हमारी प्रगति के लिए बड़ा ही खतरनाक वाक्य है.

Friday, September 3, 2010

आज हो सकता है, आपके सामने बहुत सारी परेशानिया हो. आपकी सारी गुन्वत्ताये दबी है सिर्फ इसकी चिंता करने में - कल क्या होगा.
कल क्या होगा इस बात ने सारी बुद्धि को, ख़ारिज कर रखा है,
२०-३० हजार रोयल्टी का मतलब है, की आपको  इतना आने लगे की कल क्या होगा इस चिंता से आप मुक्त हो जाये. इसके बाद आपके अन्दर से जो इन्सान बहार आएगा  वो धुरंधर होगा. वो दुनिया का बड़े से बड़ा काम कर सकता है. आज आपमें जो इन्सान बसा है वो ये काम नहीं कर सकता. अपने अन्दर के धुरंधर को जागने का मौका दे.
सुनील वाहुले ९९२३०५७३८४

Thursday, September 2, 2010

हथियारों की खोज इंसानियत की भलाई के लिए की गई थी,
लेकिन आज उनका इस्तेमाल इंसानियत को ख़त्म करने के लिए किया जा रहा है.
तो बताइए इसमें हथियारों का क्या दोष ?
नेटवर्क मार्केटिंग की खोज इंसानियत की भलाई के लिए की गई थी,
लेकिन आज नेटवर्क मार्केटिंग के तत्वों को ताक पर रखकर इसका  इस्तेमाल,  कुछ लोग अपनी लालच के लिए कर रहे है.
तो बताइए इसमें नेटवर्क मार्केटिंग का क्या दोष ?

आम आदमी को खास बनने का एक खास तरीका नेटवर्क.
बहोत बार हमें ऐसे लगता है की कोई एक्टिव, ज्यादा पहेचान रखनेवाला व्यक्ति अगर हमारे नेटवर्क में जुड़ जायेगा तो हमारा बिज़नस बहोत बढेगा. लेकिन ऐसा नहीं है.......

सतीश पंडितजी का बिज़नस बड़ी तेजी से बढ़ने का एक प्रमुख कारण है --- उनकी गुडविल.

हमें लगता है की कोई सांसद या इस तरह का कोई व्यक्ति हमारे साथ आ जाये तो बहोत सरे लोग हमारे नेटवर्क में आ जायेंगे.

ऐसा हो सकता है, बशर्ते, उस सांसद की गुडविल मार्केट में हो.

यह बिज़नस गुडविल का बिज़नस है.
एक आम आदमी जिसकी मार्केट में न तो गुडविल है, और नहीं ब्याडविल, बहोत ही तेजी से अपनी गुडविल मार्केट बना सकता है.
लेकिन जिसकी मार्केट में ब्याडविल है, फिर वह कितना भी जाना पहेचाना क्यों न हो लोग उसके साथ नहीं आयेंगे.

इस बिज़नस में, सीधे और सच्चे लोगो के लिए बड़ा सुनहरा भविष्य है.
कपटी, बेईमान लोग, इस बिज़नस में आयेंगे जरुर, लेकिन टिकेंगे नहीं.
आर सी एम एक सफ़र है........

किसी का सफ़र  कपड़ो पर ख़त्म  हो जाता है..........

किसी का सफ़र दो लोगो पर ख़त्म हो जाता है..........

किसी का सफ़र ५ - १० हजार पर ख़त्म हो जाता है..........

किसी का सफ़र लीडरशिप पर ख़त्म हो जाता है.......

किसी का सफ़र रोयल्टी  पर ख़त्म हो जाता है.......



किसी का सफ़र टेकनिकल पर ख़त्म हो जाता है.......

आपका सफ़र कहाँ तक ?...............................................................................